अगर आप अपनी लोअर चेस्ट को आकर्षक बनाना चाहते हैं तो करे डिक्लाइन बेंच प्रेस वर्कआउट | Benefits of Decline Bench Press in Hindi
जिम जाने वालो की एक समस्या आम तौर देखी जाती है। वो है चेस्ट की मांसपेशियाँ असंतुलित होना।आम तौर पर हम देखते हैं कि निचली चेस्ट में चर्बी बहुत ज़्यादा होती है और उचित विकास देखने को नहीं मिलता।
यह समस्या हर किसी को है जो जिम करने जाता है। यह समस्या मुझे भी बहुत समय पहले लगी थी।
इस समस्या का समाधान यह है कि आपको अपनी चेस्ट के लोअर हिस्से को ट्रेन करना पड़ेगा।इस वर्कआउट करने के बाद आपकी चेस्ट अच्छी दिखेगी।
अगर आप अपने लोअर चेस्ट के साथ-साथ फोरआर्म्स, ट्राइसेप्स, बाइसेप्स, लेग्स, एब्स,चेस्ट , बैक और शोल्डर ,बैली फैट वर्कआउट पर ध्यान देने पर आपकी पर्सनैलिटी में चार चांद लग जाएगी।
इस ब्लॉग में हम डिक्लाइंड बेंच प्रेस के फायदे के बारे में चर्चा करेंगे।
डिक्लाइन बेंच प्रेस वर्कआउट क्या है?
डिक्लाइंड बेंच प्रेस वर्कआउट चेस्ट का एक जाना-माना वर्कआउट है। यह वर्कआउट चेस्ट के सबसे अच्छे वर्कआउट में से एक वर्कआउट है।
यह वर्कआउट आपके चेस्ट के लोअर हिस्से को टारगेट करता है।आप चाहें तो डिक्लाइन बेंच प्रेस करने के अलावा आप रेजिस्टेंस बैंड की मदद से भी लोअर चेस्ट टारगेट कर सकते हैं। यह वर्कआउट बाकी वर्कआउट से थोड़ा कठिन वर्कआउट है।
इस वर्कआउट करने में आपको थोड़ी समस्या हो सकती है।
डिक्लाइन बेंच प्रेस वर्कआउट कैसे करें?
सबसे पहले आप एक बेंच ले लो फिर अपनी बेंच को 35-40 डिग्री पर सेट कर लें।
उसके बाद आप हमारे बेंच पर लेट जाएं और हां तो आप डंबल या बारबेल के साथ कुछ वेट रख लें ,धीरे-धीरे अपने हाथों से बारबेल या डंबल को पकड़ना है फिर ऊपर की ओर लेकर जाना है।
उसी मोशन में धीरे-धीरे अपने हाथ से बारबेल को वापस लाना है।यह वर्कआउट दूसरे वर्कआउट से अलग है क्योंकि यह वर्कआउट बहुत कठिन है।
इसको करने का पॉश्चर बाकी वर्कआउट से थोड़ा अलग है।इसलिए इसको थोड़ा इसको ध्यान से करने की जरूरत है।
यदि आप बिगिनर्स हैं तो 10-12 रेप्स लगायें और यदि आप अनुभवी हैं तो इससे अधिक रेप्स लगायें।
डिक्लाइन बेंच प्रेस वर्कआउट के नाम
डिक्लाइन बेंच प्रेस वर्कआउट के फायदे कई हैं। डिक्लाइन बेंच प्रेस कई प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार के होते हैं।
- Decline Barbell Bench Press
- Decline Dumbbell Bench Press
- Decline Push -Up
- Decline Chest Fly
डिक्लाइन बेंच प्रेस वर्कआउट के फायदे
डिक्लाइन बेंच प्रेस करने के फायदे काफी है। डिक्लाइन बेंच प्रेस आपके बॉडी के चेस्ट के लोअर वाले हिस्से को टारगेट करता है।आपके लोअर चेस्ट को आकर्षक बनाता है।
डिक्लाइन बेंच की ऐसी बनावट होती है कि जब हम वर्कआउट करते समय हम डिक्लाइन बेंच पर लेटते हैं तो तब हमारे चेस्ट के ऊपरी हिस्से में मांसपेशियों में तनाव पैदा होता है।जिस से हमारी मांसपेशियां बढ़ती हैं।
डिक्लाइन बेंच प्रेस करते समय मुख्य रूप से ऊपरी चेस्ट को टारगेट किया जाता है लेकिन इसके साथ-साथ सेकेंडरी तौर पर शोल्डर और ट्राइसेप्स भी टारगेट होती है।
डिक्लाइन बारबेल बेंच प्रेस और डिक्लाइन डम्बल बेंच प्रेस में क्या अंतर है?
जब हम डिक्लाइन बेंच प्रेस वर्कआउट बारबेल के साथ करते हैं तो उसको डिक्लाइन बारबेल बेंच प्रेस कहते हैं। और जब हम डिक्लाइन बीच प्रेस वर्कआउट डंबल के साथ करते हैं तो तब उसे डिक्लाइन डंबल बेंच प्रेस कहते हैं।दोनों वर्कआउट में सिर्फ इतना-सा फर्क है।
दोनों वर्कआउट में सिर्फ यह अंतर है कि एक वर्कआउट में बारबेल का इस्तेमाल करते हैं और दूसरे वर्कआउट में डंबल का इस्तेमाल करते हैं।
डिक्लाइन बारबेल बेंच प्रेस वर्कआउट को करते समय बारबेल की मदद से आप वजन को संतुलित कर सकते हैं लेकिन जब आप डिक्लाइन डंबल बेंच प्रेस वर्कआउट करते हैं तो आप वजन को संतुलित नहीं कर पाते हैं।
डम्बल का साइज छोटा होता है बैलेंस करने में दिक्कत आती है।लेकिन बारबेल के साथ-साथ आप वजन को अपने दोनों हाथों से बैलेंस कर सकते हैं।
डिक्लाइन बेंच प्रेस वर्कआउट करने के दौरान नुकसान क्या होते हैं?
डिक्लाइन बेंच प्रेस के फायदे अनेक हैं लेकिन इसका फायदा तब ले पाओगे जब आप ठीक तरिके से वर्कआउट करते हैं और चोट से बचते हैं।बेंच प्रेस वर्कआउट करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
अगर आप कुछ ज्यादा बातों का ध्यान नहीं देते तो आपको बहुत बड़ी चोट लग सकती है।ऐसा मैं इसलिए बोल रहा हूं कि इस वर्कआउट करने का तरीका बिल्कुल अलग है बाकी वर्कआउट से।
या फिर बाकी वर्कआउट में आपको थोरा चांस मिल सकता है चोट से बचने के लिए लेकिन इस वर्कआउट में कोई चांस नहीं अगर आप गलती करते हैं तो।
- इस वर्कआउट में आपको ज्यादा वेट लिफ्ट नहीं करना है। केवल अपनी क्षमता के अनुरूप ही वजन उठाना है।
- अगर आप ज्यादा वेट लिफ्ट करते हैं तो इस वर्कआउट को करते समय हैं तो आप वेट को बैलेंस नहीं कर पाते हैं।
- इस वर्कआउट करने से पहले बेंच पर लेट कर अपनी छाती को थोड़ा ऊपर की ओर करके रखना होता है।
- यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि जब आप बेंच पर डिक्लाइन हों तो बारबेल आपके चेहरे के ऊपर हों। ना ही बारबेल फेस आगे होना चाहिए ना ही बारबेल फेस से पीछे की ओर होना चाहिए।
Conclusion -
लोअर चेस्ट को सबसे अच्छे तरीके से ट्रेन करने के लिए यह वर्कआउट बहुत अच्छा है। लेकिन कुछ विशेष सावधानियों का ध्यान रखना पड़ेगा।
डिक्लाइन बेंच प्रेस के फायदे अनेक हैं जिसको करने के बाद आपके व्यक्तित्व में बहुत सुधार आएगा
इस ब्लॉग में आखिरी तक बने रहने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। अगर आपके मन में कुछ भी सवाल है तो कृपया मुझे मेल करें और टिप्पणी करें।
मुझे आशा है कि मैंने आपको अपने ब्लॉग से कुछ आपके जीवन में वैल्यू प्रदान किया होगा।
धन्यवाद।
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